
प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन (Voltage regulation) क्या है?
नमस्कार दोस्तों इस लेख मे हम जानेंगे कि प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन (Voltage regulation) क्या है? प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन विधियों क्या है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन / Voltage regulation
प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन / Voltage regulation :-
% Regulation = (E0 – V)/V x 100
V प्रत्यावर्तक का वोल्टेज नियमन निम्न विधियों द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
- Synchronous impedance method
- M.M.F. method
- Zero power factor method ( Potier method )
तुल्यकाली प्रतिबाधा ( Zs ) विधि
इस विधि से नियमन ज्ञात करने के लिये O.C.C. तथा S.C.C. प्लॉट की जाती हैं । दोनों वक्र उभयनिष्ट क्षेत्र धारा ( I ) पर खींचे जाते हैं ।

चित्र 10.2 से
Zs = E1 (Open circuit)/E2 (Short circuit)
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Ra का मान उपरोक्त किसी विधि से ज्ञात किया जा सकता है ।
XS = √ ( ZS2 – Ra )2
Ra तथा XS ज्ञात होने पर चित्र 10.3 में प्रदर्शित वेक्टर डायग्राम से नियमन निम्न प्रकार ज्ञात किया जा सकता है
OD = E0 E = √(OB2 + BD2)
E0 = V (V cosΦ + IRa)2 + (VsinΦ + IXS)2
% Regulation = (E0 – V)/V x 100
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इस प्रकार इकाई शक्ति गुणक पर भी वोल्टेज नियमन ज्ञात किया जा सकता है ।

चुम्बकीय वाहक बल विधि ( M.M.F. Method )
यह विधि प्रतिबाधा विधि के विपरीत है क्योंकि इसमें आमेचर क्षरण प्रतिपात ( Armature leakage reactance ) एक अतिरिक्त आर्मेचर प्रतिक्रिया मानी जाती है । चित्र 10.4 के अनुसार पूर्ण भार पर वोल्टेज उत्पन्न करने के लिये निम्न फील्ड एम्पीयर टर्न ( Amp – Turns ) के वेक्टर योग ( Vector Surm ) की आवश्यकता है-
- शून्य भार वोल्टेज V उत्पन्न करने के लिये फील्ड A.T. ( यदि Ra गणना में सम्मिलित है तब के स्थान पर V + IRa)
- पूर्ण भार पर आर्मेचर प्रतिक्रिया के विचुम्बकन प्रभाव को समाप्त करने के लिये आवश्यक फील्ड एम्पीयर टर्न ( A.T. )

यह S/C परीक्षण से ज्ञात की जाती है । लघु परिपथ ( S/C ) पर पूर्ण भार धारा उत्पन्न करने के लिये आवश्यक एम्पीयर टर्न प्रतिबाधा , वोल्टपात ( IZs) तथा आर्मेचर प्रतिक्रिया को सन्तुलित करते हैं ।
पूर्ण भार पर विचुम्बन एम्पीयर टर्न ( demagnetising ampere turns ) , लघु परिपथ पर पूर्ण भार धारा उत्पन्न करने के लिये आवश्यक फील्ड एम्पीयर टर्न के बराबर होते हैं । चित्र 10.5 से
OA – सामान्य वोल्टेज के लिये आवश्यक फील्ड धारा
OC – S / C पर पूर्ण भार धारा उत्पन्न करने के लिये आवश्यक फील्ड धारा
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AB = OC , पश्चगामी शक्तिगुणक पर AB एवं OA के मध्य कोण (90 +Φ) होता है । खुला परिपथ (open circuit) वोल्टेज E0 उत्पन्न करने के लिये आवश्यक क्षेत्र धारा
OB = OA + AB
% Regulation = (E0 – V)/V x 100
पोशियर विधि ( Potier Method )
यह विधि आर्मेचर क्षरण – प्रतिघात वोल्टपात (IXL) तथा आर्मेचर प्रतिक्रिया के प्रभाव अलग करने के सिद्धान्त पर आधारित है । अतः इससे अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं । इस विधि में प्रतिबाधा विधि ( impedance method ) तथा M.M.F. विधि दोनों का प्रयोग होता है । इस विधि में निम्न डाटा की आवश्यकता होती है
- No Load Curve
- Full Load Zero Power Factor Method
यह वाट हीन ( Wattless ) लोड अभिलक्षण भी कहलाते हैं। उपरोक्त विधियों से आर्मेचर प्रतिक्रिया के कारण वोल्टेज में कमी तथा XL के कारण वोल्टेज ड्राप ज्ञात किया जाता है । आर्मेचर क्षरण प्रतिषात Potier Reactance कहलाती है। इन दोनों के द्वारा E0 ज्ञात किया जा सकता है।
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