नमस्कार दोस्तों इस लेख मे हम जानेंगे कि काउन्टर्स (Counters) होते क्या है? तथा काउन्टर्स के प्रकार होते हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
काउन्टर्स | Counters
डिजिटल काउन्टर का उपयोग किसी भी प्रक्रम में होने वाली घटनाओं की गणना करना है। जैसे किसी शीशी में डाली जा रही गोलियों की गणना। इसके लिये , जितनी बार कोई क्रिया होती है उसके संगत एक ट्रांसड्यूसर द्वारा विद्युत पल्स उत्पन्न की जाती है जो फ्लिप – फ्लॉप पर इनपुट पल्स की भाँति प्रयुक्त की जाती है।
फ्लिप – फ्लॉप की आउटपुट से गणना का ज्ञान होता है। इस प्रकार फ्लिप – फ्लॉप काउन्टर (Counters) का कार्य करता है । काउन्टर (Counters) में फ्लिप – फ्लॉप के कई पद परस्पर संयोजित रहते हैं। चित्र 24.21 में तीन फ्लिप – फ्लॉप ( FF0 , FF1 तथा FF2 ) को प्रयुक्त कर एक 3 – बिट काउन्टर प्रदर्शित किया गया है।

फ्लिप – फ्लॉप FF0 की आउटपुट Q0 प्रत्येक इनपुट क्लॉक FF1 पल्स पर परिवर्तित होती है । इसके लिये T – type फ्लिप – फ्लॉप प्रयुक्त किया जाता है जिसमें T0 = 1 जब Q0 , 1 से 0 होती है तब की आउटपुट Q1 , 1 से 0 से या 0 से 1 हो जाती है ।
अतः यदि Q0 को फ्लिप – फ्लॉप FF1 के क्लॉक इनपुट पर संयोजित किया जाये ( जब T0 = 0 ) तब जब भी Q0 1 से 0 होगी तब Q भी परिवर्तित होगी । इसी प्रकार जब Q1 , 1 से 0 होगी तब Q2 की स्टेट परिवर्तित होगी तथा काउन्टर (Counters) के अन्त में लगे डिकोडर पर FFo के क्लॉक इनपुट पर आने वाली पल्स की गणना प्राप्त होगी ।
काउन्टर्स कितने प्रकार के होते हैं | Types of Counters
काउन्टर्स दो प्रकार के होते हैं –
- अतुल्यकालिक ( Asynchronous या Ripple Counters )
- तुल्यकालिक ( Synchronous Counters )
अतुल्यकालिक काउन्टर्स में सभी फ्लिप – फ्लॉप एक साथ क्लॉक नहीं किये जाते अर्थात् प्रत्येक पर क्लॉक – पल्स अलग – अलग दी जाती है । जबकि तुल्यकालिक काउन्टर्स में सभी फ्लिप – फ्लॉप एक ही क्लॉक पल्स द्वारा नियन्त्रित होते हैं । यदि किसी काउन्टर में चार फ्लिप – फ्लॉप हैं तब यह 0000 से 1111 तक गणना करता है तथा यह “4 – बिट बाइनरी काउन्टर” कहलाता है । काउन्टर को क्लियर करने के लिये उसमें एक CLR टर्मिनल होता है।
One thought on “काउन्टर्स (Counters) क्या होते है?”