नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हम जानेंगे कि ट्रांसफार्मर की विद्युत वाहक बल (Electromotive force equation of the transformer) क्या होती है? तथा ट्रांसफार्मेशन अनुपात क्या होता है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
ट्रांसफार्मर की विद्युत वाहक बल समीकरण (Electromotive force equation of the transformer)
एक ट्रांसफार्मर में, प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत को प्राथमिक कुंडली पर लगाया जाता है। इसके कारण, प्राइमरी वाइंडिंग में धारा (जिसे मैग्नेटाइजिंग करंट कहा जाता है) ट्रांसफॉर्मर के कोर में एक प्रत्यावर्ती फ्लक्स पैदा करता है। यह प्रत्यावर्ती फ्लक्स द्वितीयक कुंडली से जुड़ जाता है, और पारस्परिक प्रेरण की घटना के कारण द्वितीयक वाइंडिंग में एक ईएमएफ प्रेरित हो जाता है। अथवा सरल शब्दों में कहा जा सकता है कि –
ट्रांसफार्मर की प्राइमरी कुंडली में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करने पर प्राइमरी कुंडली में एक स्व: प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है जिसको निम्न समीकरण द्वारा समझा जा सकता है –
E1 = 4.44 ΦmfN1 volt
यहां Φm – कोर में उत्पन्न अधिकतम फ्लक्स
N1 – प्राइमरी कुंडली में टर्न की संख्या
f – सप्लाई आवृत्ति

इसी प्रकार सेकेन्डरी कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल –
E2 = 4.44 ΦmfN2 volt
उपरोक्त विद्युत वाहक बल समीकरण निम्न प्रकार भी लिखी जा सकती है –
E1 = 4.44 BmAfN1 volt
And E2 = 4.44 BmAfN2 volt
ट्रांसफार्मर में फ्लक्स घनत्व Bm का मान प्राय: ट्रांसफार्मर की उपयोगिता पर निर्भर करता है। उदाहरणतः शक्ति ट्रांसफार्मर (power transformer) में Bm का मान 1.1 wb/m² से 1.4 wb/m² तक होता है जबकि एक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर में Bm का मान 0.9 wb/m² से 1.1 wb/m² तक होता है।
ट्रांसफार्मेशन अनुपात ‘K’ (Transformation Ratio ‘K’)
उपरोक्त विद्युत वाहक बल समीकरणों से –
E1/E2 = N1/N2 = 1/K
यहां ‘K’ ट्रांसफार्मेशन अनुपात कहलाता है तथा इसका मान निम्न होता है –
K = N1/N2
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