क्लोज्ड लूप कन्ट्रोल प्रणाली (Closed loop Control system) में, फीडबैक (Feedback) वह गुण है जिसके द्वारा, आउटपुट, सिस्टम की इनपुट से तुलना होती है तथा तुलना के प्रणाम के अनुसार, कंट्रोल एक्शन, आउटपुट एवं उसके किसी फंक्शन को कंट्रोल करने के लिए निर्धारित होता है।
एक फीडबैक कंट्रोल प्रणाली के एलीमैन्ट्स –

चित्र में, एक फीडबैक कंट्रोल सिस्टम के एलीमैन्ट्स दिखाये गये हैं। ये तीन प्रकार हैं –
प्लान्ट (Plant g2)
इसे कंट्रोल्ड सिस्टम भी कहते हैं। यह वह प्रोसेस अथवा मशीन है जिसके किसी विशेष पैरामीटर अथवा किसी अवस्था को कंट्रोल किया जाता है।
कन्ट्रोल एलीमैन्ट्स (Control elements)
इसे कंट्रोलर भी कहते हैं। इसमें वह कंपोनेंट्स होते हैं जिनके द्वारा, प्लांट पर एप्लाई किया जाने वाला आवश्यक कंट्रोल सिगनल m जेनरेट होता है।
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फीडबैक एलीमैन्ट्स (Feedback Elements – h)
फीडबैक कंपोनेन्ट्स (h), कंट्रोल्ड आउटपुट (c) तथा प्राइमरी फीडबैक सिग्नल (b) के मध्य प्रोसेस कंट्रोल के लिए आवश्यक सम्बन्ध (Functional relationship) निर्धारित करते हैं।
रेफ्रेन्स इनपुट (Reference Input – r)
यह एक बाह्य सिग्नल (External signal) है इसे प्लान्ट के निर्धारित ऑपरेशन को कमान्ड करने के लिए फीडबैक कंट्रोल सिस्टम को दिया जाता है।
कन्ट्रोल्ड आउटपुट (Controlled Output – c)
यह प्लान्ट की कोई राशि (quantity) अथवा कोई विशेष अवस्था है जिसे कंट्रोल किया जाता है।
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फीडबैक सिग्नल (Feedback Signal – b)
यह कंट्रोल्ड आउटपुट c के समानुपाती सिग्नल है। इसे रेफ्रेन्स इनपुट सिगनल r के साथ जोड़कर एक्चुएटिंग सिगनल (Actuating Signal) ‘e’ प्राप्त किया जाता है।
एक्चुएटिंग सिगनल (Actuating Signal – e)
यह कंट्रोल एक्शन सिगनल (or error signal) है। यह रेफ्रेन्स इनपुट सिगनल तथा प्राइमरी फीडबैक सिगनल (b) का बीजीय योग (algebric sum) है।
कन्ट्रोल सिगनल (Manipulated Variable ‘m’)
यह कंट्रोल सिगनल है तथा कंट्रोल एलीमैन्ट (g1) इस सिगनल को प्लान्ट (g2) पर एप्लाई करता है।
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विक्षोभ (Disturbance – U)
यह एक अवांछित इनपुट सिगनल है जो कन्ट्रोल्ड आउटपुट ‘c’ के मान को प्रभावित करता है।
फारवर्ड तथा फीडबैक पथ (Forward and Feedback path)
एक्चुएटिंग सिगनल ‘e’ से कन्ट्रोल्ड आउटपुट c तक का पथ फारवर्ड पथ कहलाता है एवं कन्ट्रोल्ड आउटपुट से प्राइमरी फीडबैक सिगनल तक पथ, फीडबैक पथ कहलाता है।
फीडबैक के अभिलक्षण (Characteristics of Feedback)
- यथार्थता में वृद्धि (Increased accuracy)
- प्रणाली के अभिलक्षणों में परिवर्तन होने पर आउटपुट एवं इनपुट के अनुपात में सुक्ष्म परिवर्तन।
- अरेखीयता एवं विरूपण के प्रभाव में कमी।
- बैन्डविड्थ में वृद्धि – यहां बैन्ड विड्थ का तात्पर्य उस फ्रीक्वैन्सी रेंज से है जिसमें प्रणाली सन्तोषजनक रूप से कार्य करती है।
- अस्थायित्व (unstability) एवं दोलनों (oscillation) की प्रवृत्ति (tendency) में कमी।
फीडबैक का मतलब क्या?
फीडबैक (Feedback) हमें ताकत या शक्ति देता है कि यदि हम सही तरीके से कार्य न कर रहे हों तो उसमें सुधार लायें यह अमूल्य जानकारी होती है, इसलिए इसका बेहतर सदुपयोग दिया जा सकता है। हम सदैव ही सही तथा गलत भाव से, लोगों से अपने व काम के बारे में राय लेते ही रहते हैं।
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