नमस्कार दोस्तों इस लेख मे हम जानेंगे कि इन्स्ट्रूमैंट ट्रांसफॉर्मर ( Instrument Transformer ) क्या है? धारा ट्रांसफॉर्मर तथा पोटेन्शियल ट्रांसफॉर्मर होते है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
इन्स्ट्रूमैंट ट्रांसफॉर्मर ( Instrument Transformer )
प्रत्यावर्ती धारा परिपथों में उच्च वोल्टेज एवं धाराओं के मापन के लिए इन्स्ट्रूमैन्ट ट्रांसफॉर्मरों का प्रयोग किया जाता है । यह निम्न ( low ) रेंज के स्टैन्डर्ड उपकरणों के साथ संयोजित किये जाते हैं । यह दो प्रकार के होते हैं :-
- धारा ट्रांसफॉर्मर – धारा मापने हेतु
- पोटेन्शियल ट्रांसफॉर्मर – वोल्टेज मापन हेतु
धारा ट्रांसफॉर्मर ( Current Transformer )
धारा ट्रांसफॉर्मर की प्राइमरी कुण्डली में मोटे तार के एक या कुछ अधिक वर्तन होते हैं तथा सेकेन्डरी कुण्डली में पतले तार के काफी अधिक वर्तन होते हैं । सेकेन्डरी कुण्डली प्रायः 1 या 5 एम्पीयर रेंज के एमीटर से संयोजित होती है ।
पोटेन्शियल ट्रांसफॉर्मर ( Potential Transformer)
पोटेन्शियल ट्रांसफॉर्मर प्रायः शैल टाइप होते हैं तथा इनकी शक्ति क्षमता निम्न होती है । इनका संयोजन प्रायः 150 V रेंज के वोल्टमीटर के साथ किया जाता है । इस वोल्टमीटर के पाठयांक को ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात K से विभाजित कर बस वार वोल्टेज ज्ञात की जा सकती है ।
ट्रांसफॉर्मर की क्षमता ( kVA Rating of Transformer )
ट्रांसफॉर्मर में ताम्र हानियां , धारा पर तथा लौह हानियाँ वोल्टेज पर निर्भर करती है । अतः सम्पूर्ण हानियां वोल्ट – एम्पीयर ( VA ) पर निर्भर करती हैं । यह हानियाँ वोल्टेज एवं धारा के मध्य कला कोण पर निर्भर नहीं करती अर्थात् हानियों का भार के शक्ति गुणक से कोई सम्बन्ध नहीं है । अतः ट्रांसफॉर्मर की क्षमता KVA में प्रदर्शित की जाती है किलोवाट में नहीं ।