नमस्कार दोस्तों इस लेख मे हम जानेंगे कि सेमीकन्डक्टर मेमोरी (Semiconductor Memories) क्या है? सेमीकन्डक्टर मेमोरी (Semiconductor Memories) कितने प्रकार की होती हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
सेमीकन्डक्टर मेमोरी | Semiconductor Memories
अर्धचालक मैमोरी (Semiconductor Memories) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
- RAM ( Random Access Memory ) या Read and Write Memory ( R / W Memory)
- ROM ( Read Only Memory )
RAM तथा ROM पुनः निम्न प्रकार वर्गीकृत की जा सकती है :-
RAM or R / W मैमोरी
अर्धचालक मैमोरी (Semiconductor Memories) में डाटा स्टोर करने के लिये विभिन्न सेल ( cell ) होते हैं । प्रत्येक में सूचना ( data का एक बिट स्टोर होता है । चिप पर प्रत्येक सैल को access करने का समय समान होता है । उदाहरणतः यदि किसी चिप में 10,48,576 सैल है तब प्रथम सैल को access करने में तथा 10,48,576 वें सैल को access करने में समान समय लगता है ।
“मैमोरी चिप में इस प्रकार access करना Random access कहलाता है” Random access memory उन मैमोरी को कहते हैं जिनके द्वारा सैल में reading अथवा writing का कार्य किया जा सकता है । अर्धचालक फ्लिप – फ्लॉप को प्रयुक्त कर बनाई गई मैमोरी का एक बाइनरी सैल चित्र 24.22 में प्रदर्शित किया गया है ।

मेल ( cell ) में एक R – S फ्लिप – फ्लॉप तथा अन्य गेट प्रयुक्त किये गये हैं ‘ IN ‘ टर्मिनल पर 1 प्रयुक्त करने पर फ्लिप – फ्लॉप 1 – state में आ जाता है यदि write सिगनल भी ‘ 1 ‘ स्टेट में हैं । ‘ IN टर्मिनल पर ‘ 0 ‘ प्रयुक्त करने से फ्लिप – फ्लॉप ‘ 0 ‘ स्टेट में आ जाता है यदि write सिगनल ‘ 1 स्टेट में हैं । बाइनरी Cell की आउटपुट read सिगनल सप्लाई करने पर ‘ OUT ‘ टर्मिनल पर उपलब्ध होती है ।
स्टैटिक तथा डायनेमिक मैमोरी ( Static and Dynamic Memory )
माइक्रोप्रोसेसर प्रणालियों में प्राय : दो प्रकार की RAMs .. प्रयोग की जाती है ।
- Static RAM ( SRAM )
- Dynamic RAM ( DRAM ) .
Static RAM की विशेषता यह है कि इसमें कोई सूचना ( bit ) लिखने ( write ) के पश्चात् तब तक इसमें संग्रहित रहता है । जब तक कि उसके ऊपर कोई अन्य सूचना नहीं लिखी जाती अथवा चिप से विद्युत power विच्छेदित ( disconnect ) नहीं की जाती ।
Dynamic RAM में सैल ( cell ) का आकार स्टैटिक RAM की तुलना में काफी छोटा होती है । इस मैमोरी में सूचना का प्रत्येक बिट ( bit ) कैपेसिटर के आवेश की भाँति स्टोर होता है । dynamic RAM में स्टैटिक RAM की तुलना में समान स्थान ( equal space ) में लगभग चार गुनी सूचनायें स्टोर की जा सकती हैं ।
अत : डायनेमिक RAMs का प्रति बिट मूल्य ( cost per bit ) भी कम होता है । चूंकि DRAM में सूचनायें कैपेसिटर के आवेश की भाँति स्टोर होती है । अतः इन्हें retain करने के लिये DRAM को जल्दी – जल्दी ( लगभग 2-8 मिली ० सेकण्ड के interval पर ) ( refresh ) करना आवश्यक होता है ।
रिफ्रेश करने के लिये अलग विद्युत परिपथ की आवश्यकता होती है जिसके कारण DRAM का माइक्रोप्रोसेसर से इन्टरफेसिंग , SRAM ( Static RAM ) की तुलना में जटिल ( complex ) होता है ।
ROMs ( Read Only Memory )
प्रोग्राम निर्माता द्वारा ROM की हुई ( preprogrammed ) चिप होती है तथा इन्हें माइक्रोप्रोसेसर केवल Read कर सकता है । ROM चिप में डाटा स्थायी रूप से स्टोर हो जाता है चिप की विद्युत सप्लाई ON / OFF होने से इसमें रिकार्ड की गई सूचना पर कोई प्रभाव नहीं होता । अतः इसे nonvolatile मैमोरी कहते हैं ।
ROM को पुनः निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है :-
PROM ( Programmable ROM )
PROM को केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है । प्रोग्राम किये जाने के पश्चात् यह सामान्य ROM की भाँति व्यवहार करती है PROM में नाइक्रोम अथवा पालीसिलिकन के तार डायोड अथवा फ्यूज की भाँति एक मैट्रिक्स ( matrix ) के आकार में व्यवस्थित होते हैं । फ्यूज का blow होना या retain होना यह व्यक्त करता है कि सैल में ‘ 1 ‘ स्टोर है अथवा ‘ 0 ‘ ।
EPROM ( Erasable Programmble ROM )
इस मैमोरी में स्टोर की गई सूचना अर्धस्थायी होती है । मैमोरी को नष्ट ( erase ) करने के लिये चिप में बनाई गई क्वार्टज विन्डों से अल्ट्रावायलेट प्रकाश की किरणें डाली जाती हैं तथा मैमोरी को आवश्यकतानुसार पुनः प्रोग्राम किया जा सकता है । यह मैमोरी औद्योगिक एवं प्रयोगात्मक कार्यों के लिये प्रयोग की जाती है ।
EPROM ( Electrically Erasable PROM )
सैद्धान्तिक रूप से यह मैमोरी EPROM की भांति ही है । अन्तर यह है कि इसमें विद्युत संकेत प्रयुक्त कर किसी भी रजिस्टर की सूचना नष्ट ( crase ) की जा सकती है जबकि अन्य रजिस्टर अप्रभावित रहते है । इस मैमोरी की निर्माण प्रक्रिया काफी जटिल है ।
आजकल इस मैमोरी का सामान्य रूप से प्रयोग नहीं किया जाता । माइक्रोप्रोसेसर प्रणाली में प्रोग्राम प्राय : ROM में लिखे जाते हैं तथा ऐसे डाटा , जिन्हें परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है , R मैमोरी में स्टोर किये जाते हैं ।
Masked ROM
इस युक्ति में मास्किंग एवं मेटेलाइजेशन ( masking and metalization ) विधियों द्वारा बिद पेटनं 10 pattern ) को स्थाई रूप से रिकार्ड किया जाता है ।