नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि सिन्क्रोस्कोप (Synchroscope) किसे कहते हैं या सिन्क्रोस्कोप क्या है? तथा यह कितने के प्रकार होते हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
सिन्क्रोस्कोप (Synchroscope)
वह यंत्र जो दो AC वोल्टेज की आवर्ती तथा कला के अन्तर को प्रदर्शित करता है सिन्क्रोस्कोप (Synchroscope) कहलाता है।
सिन्क्रोस्कोप का वर्गीकरण (Classification of Synchroscope)
संरचना के आधार पर यह दो प्रकार का होता है-
- चल लौह टाइप (Moving iron type)
- चल कुण्डली टाइप (Moving coil type)
चल लौह टाइप (Moving iron type)
यह फेज-स्प्लिट प्रेरण मोटर की तरह कार्य करने वाला उपयन्त्र है। जब इस पर दो भिन्न आवृत्ति वाली वोल्टेज प्रयुक्त की जाती है तब यह एक बलाघूर्ण उत्पन्न करता है, जिसके फलस्वरूप इसके चल तन्त्र के साथ लगा संकेतक गति करता है (चित्र में)।

इसकी गति तथा गति की दिशा क्रमशः दोनों मशीनों की सापेक्ष गति तथा इनकमिंग (incoming) मशीन की गति की दिशा पर आधारित होती है जो यह बताती है कि इनकमिंग मशीन, रनिंग (Running) मशीन की अपेक्षा तेज चल रही है या धीमी। वह स्थिति, जब संकेतक ऊर्ध्वाधर स्थिति में स्थिर हो जाता है यह प्रदर्शित करती है कि दोनों वोल्टेज एक ही आवृत्ति की है तथा विपरीत कला में है, जो सिन्क्रोनाइजिंग के लिए आवश्यक स्थिति है।
चल कुण्डली टाइप (Moving coil type)
यह एक बाइपोलर मोटर कि भांति होता है जिसके दो मुख्य भाग भाग क्षेत्र कुण्डली (Field System) तथा चल तन्त्र (Moving system) होते हैं। जब भिन्न-भिन्न आवृति के दो वोल्टेज सिन्क्रोस्कोप को प्रयुक्त की जाती है तब एक परिणामी बलाघूर्ण उत्पन्न होता है जिसके प्रभाव से एक चलतन्त्र तथा उससे लगा संकेतक स्लिप गति (Slip speed) से घूमने लगता है संकेतक की गति की दिशा यह प्रदर्शित करती है कि इनकमिंग (incoming) प्रत्यावर्तक, रनिंग (running) प्रत्यावर्तक की अपेक्षा, तेज चल रहा है या धीमा चल रहा है।

यदि इनकमिंग मशीन तेज चल रही हो तो उसका संकेतक Fast की दिशा में तथा यदि धीमी चल रही हो तो संकेतक Slow दिशा में परिभ्रमण करेगा, जैसा कि मीटर की डायल पर अंकित रहता है। सिन्क्रोनिज्म पर संकेतक स्थिर होगा। यदि संकेतक ऊर्ध्वाधर स्थिति पर स्थिर हो तो यह सूचित करता है कि दोनोंन वोल्टेज V1 तथा V2 समान आवृति तथा विपरीत कला में है।
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