नमस्कार दोस्तों इससे पहले वाले लेख में हमने दिष्ट धारा जनित्र (DC generator) के बारे में जाना, इस लेख में हम जानेंगे कि दिष्ट धारा जनित्र कितने प्रकार के होते हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
डी.सी. जनरेटर दो प्रकार के होते हैं –
- सेपेरेटली एक्साइड जेनरेटर (Separately Excited Generator)
- स्व: उत्तेजित जेनरेटर (Self Excited Generator)
सेपेरेटली एक्साइड जेनरेटर (Separately Excited DC Generator)
इस प्रकार के जेनरेटर मैं क्षेत्र कुंडली को किसी बाह्य डी. सी. स्रोत द्वारा उत्तेजित (Excite) किया जाता है।
स्व: उत्तेजित जेनरेटर (Self Excited DC Generator)
इस प्रकार के जेनरेटर में उसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल द्वारा ही क्षेत्र (field) को उत्तेजित किया जाता है।
स्व: उत्तेजित जनरेटर निन्न प्रकार के होते हैं –
- शण्ट जेनरेटर (Shunt Generator)
- श्रेणी जनरेटर(Series Generator)
- कम्पाउन्ड जेनरेटर (Component Generator)
शण्ट जेनरेटर (Shunt Generator)
शण्ट जनरेटर में आर्मेचर एवं क्षेत्र कुंडली समांतर में संयोजित की जाती है।
Ish = V/Rsh
Ia = IL + Ish
V = Eg – IaRa
Power developed, P = EgIa
Power delivered, Pdel = VIL
शण्ट जेनरेटर के अनुप्रयोग (Application of Dc shunt generator)
शण्ट जेनरेटर का प्रयोग बैटरी चार्जिंग, हल्के प्रकाशीय भार के लिए (Small lighting Loads), कम शक्ति की मोटर को चलाने में किया जाता है।
श्रेणी जनरेटर(Series Generator)
इस प्रकार के जेनरेटर में आर्मेचर एवं क्षेत्र कुंडलन श्रेणी क्रम में संयोजित की जाती हैं। श्रेणी जेनरेटर में क्षेत्र कुंडली का प्रतिरोध शण्ट जेनरेटर की क्षेत्र कुंडली के प्रतिरोध की तुलना में कम होता है।
Ia = Ise = IL = I
V = Eg – I(Ra + Ise)
Power developed, P = EgI
Power delivered, P = VI
श्रेणी जेनरेटर के अनुप्रयोग (Application of series Generators)
श्रेणी जेनरेटर प्राय: स्थिर धारा के लिए प्रयोग किये जाते हैं। प्राय: श्रेणी जेनरेटर दिष्ट धारा फीडरों पर बूस्टर की भांति प्रयोग किए जाते हैं। श्रेणी मशीन का विशेष उपयोग स्वत: उत्तेजित जेनरेटरों के रूप में विद्युत संकर्षण (Electric traction) में किया जाता है। ट्रामकारो
(Tramcars) पर ब्रेकिंग के लिए श्रेणी मशीनों, जो सामान्यतः मोटर की भांति प्रयोग की जाती हैं, के संयोजन को इस प्रकार बदलते हैं जिससे वे स्वत: उत्तेजित जनित्रों (Self Excited generators) के रूप में कार्य करते हैं।
कम्पाउन्ड जेनरेटर (Component Generator)
इस प्रकार के जनरेटर में आर्मेचर कुंडली के अतिरिक्त एक शण्ट क्षेत्र (shunt field) एवं श्रेणी क्षेत्र की जाते हैं श्रेणी क्षेत्र का निम्न प्रकार संयोजन किया जा सकता है।
- लघु शण्ट कम्पाउन्ड जेनरेटर (Short Shunt Component Generator)
- दीर्घ शण्ट कम्पाउन्ड जेनरेटर (Long shunt Component Generator)
चुंबकीय प्रभाव की दृष्टि से यदि श्रेणी चुंबकीय क्षेत्र एवं शण्ट चुंबकीय क्षेत्र परस्पर विरोध करते हैं तब यह डिफरेंशियल जनरेटर तथा यदि दोनों क्षेत्र एक ही दिशा में चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करते हैं तब संचयी (Commulative) जेनरेटर कहलाते हैं।
Ise = IL
Ish = (V + IseRse)/Rsh
Ia = IL + Ish
V = Eg – IaRa – IseRse
Power developed = EgIa
Power delivered = VIL
Ish = V/Rsh
Ia = Ise = IL + Ish
V = Eg – IaRa – IaRse
= E – Ia(Ra + Rse)
Power developed = EgIa
Power delivered = VIL
कम्पाउन्ड जेनरेटर के अनुप्रयोग (Application of compound generator)
कम्पाउन्ड जेनरेटर का प्रयोग आर्क वेल्डिग में अवकल कंपाउंड जेनरेटर, पावर सप्लाई के लिये ओवर कंपाउंड जनरेटर, लेबिल कम्पाउन्ड जनरेटर का अन्य दूरी के डी.सी. फिडर सप्लाई में किया जाता है।
डी.सी. जेनरेटर के स्व: उत्तेजित होने के लिए न्यूनतम प्रतिबंध (Minimum condition for self Excitation of D.C. Generators)
- मुख्य चुंबकीय क्षेत्र में कुछ अवशिष्ट (Residual) चुम्बकत्व होना आवश्यक है।
- जेनरेटर के क्षेत्र परिपथ (feild circuit) में कुल प्रतिरोध का मान क्रांतिक प्रतिरोध के तुल्य अथवा इससे कम होना चाहिये।
- डी. सी. शण्ट जेनरेटर के उत्तेजन के लिए बाह्य लोड प्रतिरोध की एक निम्नतम सीमा है। बाह्य परिपथ में इससे कम प्रतिरोध होने पर मशीन उत्तेजित नहीं होगी तथा विद्युत वाहक बल उत्पन्न नहीं होगा।
इन्हें भी पढ़ें – दिष्ट धारा जेनरेटर क्या है? (What is DC generator)
डी.सी. श्रेणी मोटर के अभिलक्षण क्या हैं (What are the Characteristics of DC Series Motor in hindi)
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