नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि डी.सी. मोटर के कितने अभिलक्षण होते हैं? (Characteristics of DC Series Motor) तथा इन्हें किस प्रकार ज्ञात किया जा सकता है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
Characteristics of DC Series Motor –
दिष्ट धारा श्रेणी मोटरों के अभिलक्षण निम्नलिखित होते हैं –
बलघूर्ण – आर्मेचर धारा अभिलक्षण (Torque Armature current characteristics) –
बलघूर्ण T ∝ ΦIa क्योंकि श्रेणी मोटर में (लाइन धारा = आर्मेचर धारा) आर्मेचर धारा ही क्षेत्र कुंडली से प्रवाहित होती है अतः मोटर में चुंबकीय ध्रुवों संतृप्त अवस्था (Magnetic saturation point) से पूर्व फ्लक्स Φ ∝ Ia होता है जिससे स्पष्ट है कि ध्रुव की संतृप्त अवस्था से पूर्व T ∝ I²a हल्के भार पर Ia का मान कम होता है इस कारण से फ्लक्स Φ भी कम होता है।
किंतु Ia के बढ़ने के साथ, बलघूर्ण (T) आर्मेचर धारा Ia के वर्गानुपात I²a में बढ़ता है इसलिए चुंबकीय संतृप्ति के पूर्व (T/Ia) अभिलक्षण वक्र का प्रारंभिक भाग परवलय (Parabola) होता है। किंतु चुंबकीय संतृप्ति के बाद Φ का मान धारा Ia से स्वतंत्र हो जाता है जिससे Φ का मान लगभग स्थिर हो जाता है ऐसी स्थिति में (T∝Ia) बलघूर्ण का मान केवल के मान पर निर्भर करता है तथा संतृप्ति के बाद अभिलक्षण एक सीधी रेखा होती है।

चित्र में शाफ्ट या उपयोगी बलघूर्ण Tsh को बिंदुमय वक्र से दर्शाया गया है। Tsh का मान कुल बलघूर्ण से सदैव कुछ कम रहता है क्योंकि मोटर में उत्पन्न कुल बलघूर्ण का एक अंश स्ट्रे हानि (Stray losses) में व्यय होता है।
श्रेणी मोटर का आरम्भन बलघूर्ण (starting torque) उच्च होता है क्योंकि T का प्रारंभिक मान I²a के समानुपाती है। इसी कारण श्रेणी मोटरों का उपयोग अति भारी मशीनों को शीघ्रता से चलाने के लिए किया जाता है जैसे हाइस्ट (Hoist) तथा विद्युत संकर्षण (Electric traction) आदि।
गति आर्मेचर धारा (N/Ia)अभिलक्षण (Speed Armature current characteristics)
हम जानते हैं कि N Eb/Φ तथा Eb = V – IaRa। लोड परिवर्तन पर Eb के मान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता है क्योंकि V की तुलना में IaRa मान नगण्य होता है। फ्लक्स Φ का मान आर्मेचर धारा (Ise = Ia = IL) के समानुपाती होता है। इसलिए लोड बढ़ने से आर्मेचर धारा और इसीलिए फ्लक्स Φ बढ़ता है तथा गति घटती है जबकि लोड घटने से मोटर की गति बढ़ती है चित्र में दिखाया गया है।

मोटर का भारी भार लगाने पर आर्मेचर धारा Ia का मान अधिक बढ़ता है परिणामत: मोटर की गति काफी कम हो जाती है। इसके विपरीत मोटर से थोड़ा भार हटा लेने पर आर्मेचर धारा में भी थोड़ी कमी आती है जिससे फ्लक्स Φ भी कम हो जाता है और मोटर की गति, सूत्र N∝1/Φ के अनुसार, अत्यधिक बढ़ जाती है। यही कारण है कि श्रेणी मोटर को कभी भी निर्भार (No – load) पर नहीं चलाया जाता है। निर्भार पर चलाने से यह असीमित गति से चल पड़ेगी और आर्मेचर में उत्पन्न अपकेन्द्री बल (Centrifugal force) के कारण नष्ट हो जायेगा।
गति बलघूर्ण अभिलक्षण (Speed torque characteristics)
मोटर के इस अभिलक्षण को यान्त्रिक अभिलक्षण (Mechanical Characteristics) भी कहते हैं यदि गति धारा (N/Ia) तथा बलघूर्ण धारा (T/Ia) वक्रों को एक ही आलेख पर खींचा जाये, तब यह आकार में गति-धारा लक्षण के समान होता है। चित्र में यह अभिलक्षण प्रदर्शित किया गया है। मोटर आरम्भन बलघूर्ण (starting torque) अधिकाधिक होता है। ज्यों-ज्यों गति बढ़ती जाती है बलघूर्ण कम होता जाता है।

भार बढ़ने के साथ गति में गिरावट का होना संकर्षण (traction) जैसे कार्यों के लिए अधिक लाभप्रद होता है।
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