नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि झोल (Sag) क्या होता है? तथा झोल को प्रभावित करने वाले तत्व कौन-कौन से हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
झोल (Sag)
यदि एक समान (uniform) परिक्षेत्रीय क्षेत्रफल वाले नम्य तार को दो आलम्बन बिन्दुओं से बांधकर स्वभाविक रुप से लटकने दिया जाए तो वह उन दोनों बिन्दुओं के मध्य एक वक्र के रूप में लटकेगा। आलम्बन बिन्दुओं और तार के निम्नतम बिन्दुओं के तलों का अंतर (Difference in levels) झोल (Sag or dip) कहलाता है।
झोल को प्रभावित करने वाले तत्त्व (Factor effecting the sag)
झोल को प्रभावित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं –
- चालक की प्रति एकांक लंबाई का भार W
- आलम्बों का पाट ((span) l
- चालक में तनाव (tension) T
- चालक पर वायु वेग का दाब
- चालक का तापक्रम
यदि झोल d मीटर, सर्पोट के मध्य दूरी (span) l मीटर, चालक की प्रति एकांक लंबाई का भार W किलोग्राम प्रति मीटर तथा चित्र के अनुसार चालक में बिंदु O पर तनाव T0 किलोग्राम हो तब,

झोल (sag) d = Wl²/8T0 मीटर
बर्फ के भार के कारण चालक पर लगने वाला बल, चालक के भार की दिशा में होता है। अतः चालक का प्रभावी भार,
W = WC + Wi kg
वायु के चलने पर वायु वेग चालक पर क्षैतिज दिशा में दाब उत्पन्न करता है। जो चालक के प्रक्षेपित (Projected) क्षेत्रफल के समानुपाती होता है।
चालक का प्रक्षेपित क्षेत्रफल = dl वर्ग मीटर
जहां d = चालक का व्यास
l = चालक की लम्बाई
वायु वेग द्वारा चालक पर दाब Ww = (2/3) dl × W’w
यहां W’w = प्रति एकांक क्षेत्रफल पर दाब (Pressure per unit area)
यदि चालक पर t मोटाई की बर्फ गिर रही हो तो
Ww = 2 (d + 2t) l × W’w/3 kg
चालक में झोल ज्ञात करने हेतु चालक प्रभावी भार
W² = √(WC + Wi)² + W²w
यदि चालक पर प्रभावी भार के कार्य करने की दिशा ऊर्ध्वाधर तल से θ का कोण बनाती है तब
θ = tan¹{Ww/(WC +Wi)}
उर्ध्वाधर झोल = d cosθ
क्षैतिज झोल = d sinθ
अतः cosθ = (WC +Wi)/W
तथा sinθ = Ww/W
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