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AC circuit
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प्रत्यावर्ती धारा परिपथ क्या होते हैं? (What is AC Circuit)

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC Circuit) क्या होते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? तथा विभिन्न प्रकार के परिपथों में प्रत्यावर्ती धारा का प्रवाह? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।

प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC Circuit)

जिन परिपथों में ए. सी. धारा प्रभावित होती है वह परिपथ “प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC Circuit)” कहलाते हैं। तथा विभिन्न प्रकार के परिपथों में प्रत्यावर्ती धारा का प्रवाह निम्न प्रकार से होता है –

शुद्ध प्रतिरोधी परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा (AC through pure resistive Circuit)

शुद्ध ओमीय परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा एवं प्रत्यावर्ती वोल्टेज समान कला में होते हैं।

AC circuit
x
AC circuit

V = Vmax sinωt
इसलिए, I = v/R = Vm sinωt/R

यहां Im   धारा का शिखर मान है धारा एवं वोल्टेज समीकरण से स्पष्ट है कि शुद्ध प्रतिरोधी परिपथ में वोल्टेज एवं धारा के मध्य कालांतर शून्य होता है।

Alternating current
x
Alternating current

शुद्ध प्रतिरोधी परिपथ में शक्ति (Power in pure resistive circuit)

P = I²R = V²/R = VI

यहां I तथा V धारा एवं वोल्टेज के r.m.s. मान है।

धारितीय परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा (AC through capacitance)

v = V0sinωt
i = dv/dt

AC through pure capacitance
x
AC through pure capacitance

i =ωC sin(wt + π/2)
या i = Imax sin (ωt + π/2)
Imax = Vo/(1/ωC) = V0/XC

V-I graph
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V-I graph

धारा समीकरण से स्पष्ट है कि शुद्ध धारितीय परिपथ में धारा वोल्टेज से 90° अग्रगामी होती है।XC = 1/wC धारितीय प्रतिघात (Capacitive reactance) कहलाता है। XC का मात्रक ओम है।

AC wave form
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AC wave form

धारितीय परिपथ में शक्ति (Power in capacitance)

शुद्ध धारितीय परिपथ (pure capacitance) में शक्ति व्यय शून्य होता है।

प्रेरकीय परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा (AC through Inductance)

v = Vmax sinωt

परिपथ की धारा समीकरण निम्न प्रकार होती है –

i = Vmax sin (ωt – 90°)

यहां Im = Vmax/ωt = Vm/XL

धारा समीकरण से स्पष्ट है कि शुद्ध प्रेरकीय परिपथ में धारा, वोल्टेज से 90° पश्चगामी होती है। XL = ωL प्रेरक का प्रेरकीय प्रतिघात (Inductive reactance) कहलाता है।

AC through pure inductance
x
AC through pure inductance

शुद्ध प्रेरकीय परिपथ में शक्ति (Power in Inductance)

शुद्ध प्रेरकीय (pure Inductive) परिपथ शक्ति व्यय शून्य होता है।

R-L परिपथ –

LR Circuit
x
LR Circuit

परिपथ की प्रतिबाधा (impedance)

Z = √(R² + X²L)

परिपथ में धारा (Current)

I = V/√(R² + X²L) = V/Z

प्रतिरोध के सिरों पर वोल्टपात VR = IR
प्रेरक के सिरों पर वोल्टपात VL = IXL

तथा V = √(V²R + V²L)

यदि धारा एवं वोल्टेज (V) के मध्य कला Φ है

tanΦ = XL/R

शक्ति गुणक (power factor)

CosΦ = R/Z

परिपथ में व्यय शक्ति (Power in R-L circuit)

P = VI cosΦ watt

R-C परिपथ

इस परिपथ में प्रतिरोध R के सिरों के मध्य वोल्टपात Vr, धारा की कला में तथा धारित्र C के सिरों के मध्य वोल्टपात Vc, धारा से 90° पश्चगामी है।

RC Circuit
x

प्रतिबाधा Z = √(R² + X²c)

I = V/√(R + X²C) = V/Z
VC = IXC = I/ωC

V-I Vector diagram
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V-I Vector diagram

V = √(V²R + V²C)
TanΦ = Xc/R = 1/ωCR
CosΦ = R/Z
P = VI cosΦ

L-C परिपथ

प्रेरक L में प्रेरित विभवान्तर V धारा से 90° अग्रगामी तथा धरित्र C में विभवान्तर VC धारा से 90° पश्चगामी होता है। अतः VL एवं VC के मध्य कालांतर 180° होगा एवं ये परस्पर विपरीत कलाओं में होंगे। परिपथ को सप्लाई की गई वोल्टेज का मान VL तथा VC के अंतर के तुल्य होगा।

V = VL ~ VC

यदि परिपथ में XL = XC जब परिपथ की प्रतिबाधा शून्य होगी। यह अनुनाद की स्थिति कहलाती है। अर्थात् अनुनाद की अवस्था में,

LC circuit
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LC circuit

2πfL = 1/2πfC
या f = 1/2π√LC

यह परिपथ की अनुनाद आवृति कहलाती है। परिपथ की धारा एवं प्रयुक्त वोल्टेज परस्पर 90° पर विस्थापित होने के कारण परिपथ का शक्ति गुणांक एवं शक्ति शून्य होंगे। परंतु प्रयोगात्मक दृष्टि से ऐसा कभी नहीं होता। परिपथ में कुछ न कुछ प्रतिरोध (आन्तरिक) अवश्य होता है। जिसके कारण परिपथ में अल्प शक्ति व्यय होता है।

अग्रगामी पश्चगामी धारा (leading and legging current)

प्रत्यावर्ती धारा परिपथ (AC Circuit) में वोल्टेज V तथा धारा i के मध्य कालांतर परिपथ की प्रकृति पर निर्भर करता है। कुछ परिपथों में वोल्टेज का मान अधिकतम होने से पूर्व धारा का मान अधिकतम हो जाता है ऐसे परिपथ में प्रभावित धारा अग्रगामी कहलाती है। उदाहरणार्थ –

v = Vmax sinωt
i = Imax sin(ωt + π/6)

इस परिपथ में धारा वेक्टर, वोल्टेज वेक्टर से अग्रगामी (leading) है।

Leading and legging current
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Leading and legging current

इसी प्रकार यदि किसी परिपथ में धारा एवं वोल्टेज समीकरण निम्न प्रकार है –

v = Vm sinωt
i = Im sin (ωt – π/2)

तब इस परिपथ में धारा वेक्टर वोल्टेज वेक्टर से π/2 = 90° होगा अर्थात धारा की प्रवृत्ति पश्चगामी होगी।
एक पश्चगामी धारा i = Im sin(ωtΦ) एवं वोल्टेज v = Vm sinωt के तरंगाकार निम्न प्रदर्शित है –

V-I characteristics
x

इन्हें भी पढ़ें –

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