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Analog measuring instrument
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एनेलाग मापन यन्त्र क्या होते हैं? (What is Analog measuring Insutruments)

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि एनेलाग मापन यन्त्र (Analog measuring Insutruments) क्या होते हैं? तथा यह कितने के प्रकार होते हैं। तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।

एनेलाग मापन यन्त्र (Analog measuring Insutruments)

एनेलॉग यन्त्रों की आउटपुट एवं इनपुट में एक स्थिर सम्बन्ध होता है। इनका उपयोग प्राय: सभी विद्युत मापनों में किया जाता है। यद्यपि अब डिजिटल मापन यन्त्रों का प्रयोग होने लगा है परन्तु डिजिटल मापन यन्त्र, एनेलॉग मापन को पूर्णतया: विस्थापित नहीं कर सकते।

Analog measuring instrument
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Analog measuring instrument

एनेलाग मापन यन्त्रों का वर्गीकरण (Classification of Analog measuring Insutruments)

इन यन्त्रों का वर्गीकरण उनके द्वारा मापी जाने वाली राशि (quantity) के आधार पर किया जा सकता है जैसे एमीटर, वोल्टमीटर, वाटमीटर इत्यादि।

इसके अतिरिक्त धारा के आधार पर यंत्रों का वर्गीकरण कर सकते हैं। जैसे-

  1. डी.सी.
  2. ए.सी.
  3. ए.सी./डी.सी. मापन यन्त्र।

एक अन्य विधि में यन्त्रों का वर्गीकरण निम्न प्रकार भी किया जा सकता है –

प्राइमरी मापन यन्त्र (primary Analog measuring Insutruments)

इस यन्त्रों में मापी जाने वाली राशियों का मान, विक्षेप कोण तथा यंत्र के किसी स्थिरांक के समानुपाती (Constant) होता है। उदाहरणतः Tangent Galvenometer ।

सेकेंडरी मापन यन्त्र (Secondary Analog measuring Insutruments)

इन यंत्रों का पाठ्यांक सीधे मापी जाने वाली राशि को व्यक्त करता है। प्रयोग में लाने से पूर्व इन यन्त्रों को अंशाकित करना आवश्यक होता है।

सेकेंडरी मापन यन्त्रों को पुनः निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है –

इन्डीकेटिंग मापन यंत्र –

इन यन्त्रों में प्राय: डायल एवं सूचक का प्रयोग किया जाता है। इनका पाठ्यांक मापी जाने वाली राशि का परिणाम प्रदर्शित करता है। इस वर्ग में सामान्य वोल्टमीटर, एमीटर, वाटमीटर इत्यादि आते हैं। इन्डीकेटिंग मापन यंत्रों को पुनः दो भागों में विभाजित किया जाता है –

  1. इलेक्ट्रो मैकेनिकल
  2. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

रिकार्डिंग टाइप मापन यन्त्र (Recording Instruments) –

यह यंत्र समय की एक निर्दिष्ट परिसीमा (Specified period) में माफ़ी जाने वाली राशि का रिकार्ड उपलब्ध कराते हैं। इन यंत्रों में मापी जाने वाली राशि के परिवर्तन नोट करने हेतु एक रोटेटिंग ड्रम (Rotating drum) पर कागज या ग्राफ पेपर तथा पेन की व्यवस्था होती है। उदाहरणतः रिकॉर्डिंग वोल्टमीटर जिसमें एक सम्पूर्ण दिन में सप्लाई वोल्टेज में हुये परिवर्तन का रिकॉर्ड रहता है।


इन्टीग्रेटिंग टाइप मापन यन्त्र (Integrating Instrument) –

इन यन्त्रों द्वारा किसी निर्दिष्ट समय में मापी जाने वाली राशि का योग (Sum) प्रदर्शित होता है। यह योग प्राय: विद्युत राशि एवं समय के गुणनफल के बराबर होता है। उदाहरणत: एम्पीयर घण्टा मीटर (Ampere hour meter), एनर्जीमीटर (kWmeter) आदि।

इन्हें भी पढ़ें –

प्‍लास क्या है? What is plier in hindi

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