नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि विद्युत तापन (Electric heating) क्या है? तथा ऊर्जा से ताप कैसे उत्पन्न किया जाता है? तथा इस ताप से क्या-क्या कार्य किया जाते हैं? तथा यह कितने प्रकार की होती है?
विद्युत तापन (Electric Heating)
विद्युत धारा के तापन अभिलक्षणों का औद्योगिक कार्यों जैसे धातुओं का गलन (melting of metal), धातुओं का कठोरीकरण (hardening) तथा मदुकरण (tempering), सामान सुखाने (drying), वेल्डन कार्यों तथा घरेलू तापन साधनों जैसे खाना पकाने, भवनों को गर्म करने आदि में प्रयोग किया जाता है।
वैद्युत तापन की विधियां (Types of Electric Heating) –
सीधा या प्रत्यक्ष प्रतिरोध तापन (Direct Resistance Heating) –
इस विधि में गर्म किये जाने वाले पदार्थ में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। यह विधि कई औद्योगिक साधनों, वेल्डन तथा पानी गर्म करने के लिए उपयुक्त बायलरों में प्रयोग की जाती है।
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अप्रत्यक्ष प्रतिरोध तापन (Indirect Resistance Heating) –
इस विधि में विद्युत धारा प्रतिरोध एलिमेंट में से प्रवाहित होती है तथा इस उत्पन्न ऊष्मा संनयन (convection) या विकिरण द्वारा किये जाने वाले पदार्थ में पहुंचायी जाती है। प्रतिरोध भट्टी (Resistance Oven), पानी गर्म करने के निमन्जन हीटर (Immersion Heater) इत्यादि इस सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
प्रेरण तापन (Induction Heating) –
प्रेरण तापन ट्रांसफार्मर सिद्धांत पर आधारित है। इसमें एक प्राथमिक कुण्डली होती है जिसमें A.C. प्रवाहित की जाती है। प्राथमिक कुण्डली, गर्म की जाने वाली धातु से चुम्बकीय रूप में युग्मित (Coupled) रहती है। जब प्राथमिक कुण्डली में A.C. प्रवाहित की जाती है तब धातु में विद्युत धारा प्रेरित होती है।

इस प्रेरित विद्युत धारा का मान निम्नलिखित पर निर्भर करता है –
- प्राइमरी धारा के परिणाम (magntitude) पर
- प्राइमरी तथा सेकेंडरी परिपथ में वर्तनों (Turn) की संख्या पर
- चुम्बकीय युग्मन गुणक पर (On coefficient of Magnetic coupling)
इस प्रेरित विद्युत धारा के कारण तापन प्रभाव होता है, जैसा कि साधारण प्रतिरोध में धारा प्रवाहित करने पर होता है।
प्रेरण तापन का अनुप्रयोग (Application of Induction Heating) –
- सतह का कठोरीकरण (Surface hardening)
- गहरा कठोरीकरण (Deep hardening)
- म्रदुकरण (Tempering)
- टंकाई (Solding)
- गलन (Melting)
- Smelting तथा ore से धातु निष्कर्षण
परावैद्युत तापन (Dielectric heating) –
यह विधि अधातुओं (nonmetals) जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, चाइना मिट्टी, कांच टाइलों (Ceramic) इत्यादि के तापन के लिए प्रयोग की जाती है। परावैद्युत तापन को उच्च आवृत्ति संधारित्र तापन (High frequency condenser heating) भी कहते हैं। परावैद्युत तापन में प्राय: 20KV, 10 to 30 MHZ प्रयोग की जाती है।

जब अधातु पदार्थों को प्रत्यावर्ती धारा के Electrostatic Field में रखा जाता है, तो परावैद्युत हानियां होती है। परावैद्युत तापन में इन हानियों का प्रयोग किया जाता है। गर्म किये जाने वाले पदार्थ को एक पट्टी (Slab) के रूप में दो धातु प्लेटों या इलेक्ट्रोडो के मध्य रखकर उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा सप्लाई (High frequency a.c. supply) प्रयुक्त की जाती है।
परावैद्युत तापन का अनुप्रयोग (Application of Dielectric heating) –
- खाद्य पदार्थों जैसे फलों तथा सब्जियों तथा तम्बाकू का निर्जलीकरण (dehydration) करना।
- लकड़ी को सुखाना तथा प्लाईवुड की परतों के बीच सरेस (glue) चिपकाना।
- हड्डियों के तापन में।
- इलैक्ट्रोनिक सिलाई (electronic stitching) में।
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