
परमाणु शक्ति संयन्त्र क्या है? (What is Nuclear Power Plant)
नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि परमाणु शक्ति संयन्त्र (Nuclear Power plant) क्या होता है? तथा इस संयन्त्र के लिए स्थल का चयन कैसे किया जाता है? तथा इसके विभिन्न घटकों के बारे में जानेंगे तथा इसके विभिन्न भागों के बारे में जानेंगे तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों को जानेंगे।
परमाणु शक्ति संयन्त्र (Nuclear Power plant)
नाभिकीय अथवा परमाणु शक्ति संयन्त्रों में मुख्य रूप से यूरेनियम तथा थोरियम अथवा प्लूटोनियम ईंधन की भांति प्रयोग किया जाता है। एक kg यूरेनियम के विघटन से 2.5 × 106 kW के तुल्य ऊष्मा उत्पन्न होती है। जिसे टरबोजेनरेटर दर्शाया विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन से लगभग 6.5 × 106 KWH विद्युत ऊर्जा उपलब्ध होती है। इतनी ही ऊर्जा ताप विद्युत केंद्र में 2500 टन कोयले को दहन करके प्राप्त होती है।
परमाणु विद्युत केन्द्र हेतु स्थल चयन (Site Selection for Nuclear Power plant)
परमाणु विद्युत केन्द्र (Nuclear Power plant) हेतु स्थल चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है –
- जल की उपलब्धता
- ईंधन प्राप्ति
- आबादी से दूर इन केन्द्रों से रेडियोधर्मी (Radiation) विकिरण उत्सर्जित होते हैं जो मानव जीवन के लिए अत्यन्त हानिकारक है। अत: ये केन्द्र हेतु सदैव आबादी से दूर स्थापित किये जाते हैं।
- रेडियोधर्मी व्यर्थ पदार्थों के निवर्तन (Disposal) की उचित व्यवस्था
- परिवहन सुविधा
- भार केन्द्र से दूर
परमाणु केन्द्रों के घटक (Components of Nuclear Power Station) –
परमाणु भट्टी –
आइस्टीन के सांपेक्षता सिद्धांतानुसार नाभिकीय ईंधन को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तन करने पर उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा,
E = mc² Joule
यहां,
E = जूल में ऊर्जा
m = विघटित पदार्थ का kg में द्रव्यमान
c = 3 × 108 m/s
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परमाणु भट्टी के मुख्य भाग निम्न है –
ईंधन –
U235 , Th232 , Pu239
मोडरेटर (Moderator) –
भारी जल, ग्रेफाइट अथवा बेरेलियम आक्साइड, हाइड्रोजन या कार्बनिक द्रव में से किसी पदार्थ द्वारा रियेक्टर में न्यूट्रान की गति को कम किया जाता है। इन पदार्थों की परमाणु संख्या निम्न होती है।
रिफ्लेक्टर (Reflector) –
भट्टी में न्यूट्रान के क्षरण को रोकने हेतु रियेक्टर की आंतरिक सतह पर परावर्तक पदार्थ का लेपन करते हैं। ये पदार्थ ग्रेफाइट अथवा बेरेलियम आदि हैं।
नियंत्रक छड़ें (Control Rods) –
रिएक्टर में नाभिकीय गति नियंत्रित करने हेतु बोरोन या कैडमियम की छड़ें प्रयोग की जाती हैं।
शीतलक (Coolant) –
ईंधन के नाभिकीय विखंडन से उत्पन्न ऊष्मा को रियेक्टर से ऊष्मा परिवर्तक तक पहुंचने हेतु हाइड्रोजन, हीलियम, कार्लसन डाइआक्साइड अथवा भाप का प्रयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त शीतलक हेतु जल, लीथियम, सोडियम, पोटेशियम एवं पारा भी प्रयुक्त किया जा सकता है।
शील्ड (Sheild) –
यूरेनियम के विखंडन से अन्य हानिकारक किरणें भी निकलती हैं। अतः रियेक्टर के चारों ओर सीमेंट कॉन्क्रीट की मोटी दीवारें निर्मित की जाती हैं। रियेक्टर की बाहरी दीवारें भी मोटी स्टेनलैस स्टील की चादर से तैयार की जाती हैं जिससे ये किरणें बाहर ना निकल सकें।
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इसके अतिरिक्त परमाणु शक्ति संयन्त्रों में भी तापशक्ति संयन्त्रों की भांति स्टीम टरबाइन, तथा संघनक आदि प्रयोग किये जाते हैं।
इन्हें भी पढ़ें –
- जल विद्युत केन्द्र क्या होता है? (What is Hydro Electric Power station)
- टरबाइन का चयन कैसे किया जाता है? (How to Selection of Turbine)
- जल टरबाइन क्या है? (What is Water Turbine in hindi)
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