नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि पी.एन. जंक्शन (P N junction) क्या होता है? यह कैसे बनता हैं? होल्स तथा इलेक्ट्रॉन क्या होते हैं? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों को जानेंगे।
पी.एन. सन्धि (P N Junction)
जब पी.एन.जंक्शन (P N junction) होता है, तब P टाइप मेटीरियल से होल्स (Holes), घनत्व प्रवणता (density gradient) के कारण N-टाइप मेटीरियल में डिफ्यूज होने की प्रवृत्ति रखते हैं। घनत्व प्रवणता का कारण P साइड में N साइड की तुलना में होल्स की कन्सैन्ट्रेशन अधिक होना है। इसी N-साइड से इलेक्ट्रॉन P-साइड की ओर गति करते हैं।

इस प्रक्रिया के कारण जंक्शन के समीप के अधिकांश होल्स तथा इलेक्ट्रॉन, जंक्शन के दोनों ओर बहुत छोटे क्षेत्र में न्यूट्रलाइज हो जाते हैं एवं जंक्शन के समीप दोनों साइडों में यह छोटा सा क्षेत्र गतिशील आवेश वाहकों से रहित हो जाता है। परिणामस्वरूप यह क्षेत्र अशुद्धि आयनों के कारण आवेशित हो जाता है। यह क्षेत्र डिपलीशन क्षेत्र कहलाता है तथा एक बैटरी अथवा पोटेन्शियल बैरियर (V0) के समान कार्य करता है। इस क्षेत्र के कारण मेजाॅरिटी कैरियर्स का ओर आगे विसरण होता है।
P-N जंक्शन अर्धचालक के एक क्रिस्टल के अंदर दो प्रकार की अर्धचालक सामग्री, पी-प्रकार और एन-प्रकार के बीच एक सीमा या इंटरफ़ेस है। “पी” पक्ष में छिद्रों की अधिकता होती है, जबकि “एन” पक्ष में विद्युत रूप से तटस्थ परमाणुओं के बाहरी गोले में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होती है।

जब जंक्शन पर कोई बाह्य वोल्टेज VP एप्लाई की जाती है तथा P-साइड को पॉजिटिव एवं N साइट को निगेटिव टर्मिनल से कनैक्ट किया जाता है तब जंक्शन फॉरवर्ड बायस में होता है। इस बायस में पत्येक साइड में मेजाॅरिटी कैरियर्स दूसरी साइड में सरलता से जा सकते हैं जिससे बाह्य परिपथ में धारा प्रवाहित होती है।
पी.एन. सन्धि में बाह्य वोल्टेज (pn junction external voltage)
जब P-N जंक्शन पर बाह्य वोल्टेज रिवर्स विधि में एप्लाई की जाती है अर्थात् P साइट बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से तथा N साइड बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से कनैक्ट किया जाता है तब मेजाॅरिटी कैरियर्स जंक्शन को क्रॉस कर सरलता से दूसरी साइड में नहीं जा सकते। इस अवस्था में पोटेन्शियल बैरियर का मान बढ़ जाता है तथा इस रिवर्स बायस्ड जंक्शन (reverse biased junction) में बहुत कम मात्रा में एक रिवर्स धारा I0 प्रवाहित होती है।
इस प्रकार PN जंक्शन केवल फारवर्ड बायस में ही अधिक धारा प्रवाहित करता है तथा रिवर्स बायस में बहुत कम धारा I0 प्रवाहित होती है।
डायोड (Diode) क्या है?
डायोड (Diode) एक दो-टर्मिनल इलेक्ट्रॉनिक घटक (Element) है जो मुख्य रूप से एक दिशा में करंट का प्रवाह (Flow) करता है। इसका एक दिशा में निम्न प्रतिरोध (Low Resistance) है, और दूसरी दिशा में उच्च प्रतिरोध ( High Resistance) है। आज के दुनिया में इसका अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है।
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