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स्लिप क्या होती है (what is slip in hindi)

Slip

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि किसी मोटर की स्लिप (Slip) कैसे ज्ञात की जाती है? तथा किन किन विधियों से मोटर की स्लिप ज्ञात की जाती है? तथा प्रतिशत में मोटर की स्लिप कैसे ज्ञात की जाती है तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।

स्लिप (Slip)

यद्यपि प्रेरण मोटर में रोटर, स्टेटर के फ्लक्स की गति से घूमने का प्रयास करता है लेकिन वह उतनी गति कभी भी प्राप्त नहीं कर पाता। यदि ऐसा संभव होता तो दोनों के बीच सापेक्ष गति नहीं होती तथा इस प्रकार दोनों के बीच कोई विद्युत वाहक बल तथा कोई धारा नहीं होती एवं घूर्णन के लिए बलाघूर्ण भी उत्पन्न नहीं होता।
यदि स्टेटर की तुल्यकाली गति = Ns r.p.m. वाले रोटर की समान्य गति हो N r.p.m. हो, तब

स्लिप S = Ns – N

प्रतिशत में स्लिप (slip in percentage),

% स्लिप = (Ns – N) × 100/N

स्लिप को विद्युत वाहक बल की आवृत्ति (fr) ज्ञात होने पर भी ज्ञात किया जा रहा है।
माना f = सप्लाई आवृत्ति, Hz में
fr = रोटर की आवृत्ति, Hz में
तब % स्लिप, S = (fr/f) × 100

स्लिप मापन (Slip Measurements) –

स्लिप मापन की निम्न विधियां हैं –

  1. रोटर गति का वास्तविक मापन करके तथा तुल्यकाली गति ज्ञात कर।
  2. रोटर आवृति का मापन
  3. स्ट्रोबोस्कोपीय विधि द्वारा

N तथा Ns ज्ञात कर –

मोटर की वास्तविक गति स्पीडो मीटर द्वारा मापी जाती है। सप्लाई आवर्ती (f) तथा मोटर के ध्रुवों की संख्या (P) से मोटर की तुल्यकाली गति (Ns) ज्ञात कर लेते हैं।

Ns = 120f/P

यदि मोटर की मीटर द्वारा मापी गई गति N हो तब स्लिप,

S = (Ns – N)/Ns होगी

रोटर आवृति का मापन कर –

सप्लाई आवृति f (प्राय: 50 Hz) का मान हमें ज्ञात होता है यदि हां किसी विधि द्वारा होटल और टीका मान ज्ञात करने तो चले सामान सोता है फाइव और आज आपकी आजा सकता है।

स्ट्रोबोस्कोपीय विधि –

इस विधि में एक गोल चकती जिसमें क्रम से काले तथा सफेद त्रिज्यखंड (Radial sagment) होते हैं, प्रयुक्त की जाती है। इन खण्डो की संख्या ध्रुवों की संख्या के बराबर होती है। चकती मोटर शाफ्ट पर लगाकर निओन ग्रंथों लैम्प प्रदीप्त की जाती है। लैम्प को प्राय: ए.सी. सप्लाई से प्रकाशित किया जाता है ए.सी. सप्लाई पर लैम्प चक्र में दो बार फ्लैश करता है।

स्ट्रोबोस्कोपीय विधि

स्ट्रोबोस्कोपीय विधि द्वारा स्लिप मापन (Slip measurement by stroboscopy method) –

यदि प्रेरण मोटर तुल्यकाली गति पर चल रही हो तब इस प्रकाश में चकती स्थिर प्रतीत होती है। परंतु यदि मोटर की गति, तुल्यकाली गति से कुछ कम होती है तब चकती पीछे की ओर घूमती हुई प्रतीत होती है। किसी स्थिर बिन्दु से, एक निश्चित समय में चकती पर बनी लाइनों के गुजरने की संख्या Ns – N के बराबर होती है।

मोटर की स्लिप निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जा सकती है –

S = (Ns – N)×100/Ns

स्लिप , S = ज्ञात समय में चकती के परिभ्रमण (Revolutions) / (ज्ञात समय × ध्रवों की संख्या)

तुल्यकाली गति का सूत्र क्या है?

तुल्यकाली गति का सूत्र –
Ns = 120f/P

इन्हें भी जानें – त्रिफेजी प्रेरण मोटर क्या है? (What is Three phase Induction Motor in hindi)

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